बाइक रैली के जरिए डॉक्टर्स करेंगे कैंसर के प्रति जागरूक 

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )। जिस तरह भारत में कैंसर के हर साल करीब 14.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, उससे हर कोई चिंताग्रस्त है। यदि यूं ही इस जानलेवा बीमारी का प्रभाव तेजी से बढ़ता गया तो साल 2020 तक 17.3 लाख और नए मामले सामने आने का अनुमान है। हैरानीजनक बात ये है कि करीब 70 फीसदी मामलों में इस बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप करीब 50 फीसदी रोगियों की मौत एक साल की अवधि में हो जाती है। आंकड़ों मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में आमतौर पर ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर रोगियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में नार्थ इस्ट में काफी अधिक है। इस तरह के कैंसर के पनपने की मुख्य वजह देरी से उपचार, कैंसर रोग के लक्षणों के प्रति जागरूकता की कमी तथा मनोवैज्ञानिक कारणों में डर व नियतात्मकता की कमी को माना गया है।

इन पूर्वोतर राज्यों में कैंसर रोग  के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए टाटा ट्रस्ट और कचर कैंसर अस्पताल तथा वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी)के संयुक्त तत्वावधान में 12 से 22 मार्च तक बाइक रैली का आयोजन करेगी। यह कैंसर जागरूकता बाइक रैली सात राज्यों के प्रमुख शहरों से गुजरेगी। हर रोज पांच किलोमीटर कैंसर अवेयरनेस रन हेागी, जिसमें कैंसर रोग विशेषज्ञ, कैंसर पीड़ित और स्थानीय सरकार के मंत्री स्तर के मेहमान शामिल होंगे। इसके अलावा गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, तेजपुर और सिलचर में मेडिकल स्टूडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ के लिए कैंसर अनुसंधान पर कार्यशाला का आयेाजन भी किया जाएगा। 12 मार्च को बाइक राइड एण्ड रन रैली सिलचर से रवाना होगी, जो कि शिलांग, गुवाहाटी, तेजपुर, इटानगर, डिबू्रगढ़, कोहिमा, इम्फाल, आइजवाल, अगरतला होते हुए सिचलर में 22 मार्च को सम्पन्न होगी। यह रैली दस दिन में करीब 2100 किमी. की दूरी तय करेगी।

इस मौके पर कचार कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के डॉ. रवि कन्नन ने बताया कि करीब 50 फीसदी कैंसर और 90 फीसदी मुंह का कैंसर होने की मुख्य वजह तंबाकू है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स को इस बाइक रैली  के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया है। इस बाइक रैली का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को इस बात के लिए सचेत करना कि सकारात्मक सोच के साथ इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है। ये बाइक सवार छोटे कस्बों, गांवों और बड़े शहरों में लोगों और संगठनों के साथ बातचीत करेंगे। रैली के दौरान प्रतिभागी मंत्रियों, चिकित्सकों व अन्य राजनेताओं को कैंसर के प्रति जागरूक तो करेंगे ही साथ ही उन्हें इसके रिस्क फैक्टर, इस रोग के लक्षण और बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक बताया जाएगा।

वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी) अभियान की डायरेक्टर आशिमा सरीन ने कहा कि प्रत्येक स्थान पर डॉक्टर और कैंसर पीड़ि़त लोग अपने अनुभव शेयर करेंगे। इसके जरिए आमजन को यह बताने का प्रयास होगा कि यदि समय रहते इस रोग का पता लगा लिया जाए तो उसका उपचार काफी हद तक सभव हो सकता है।

उन्होंने बताया गेट्स (ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे) 2009-10 और 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर, असम और त्रिपुरा में तम्बाकू का उपभोग बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में गैट्स-1 के मुताबिक तम्बाकू उपभोग 54.1 प्रतिशत था जो कि गैट्स-2 में बढकर 55.1 प्रतिशत हो गया। ऐसी ही स्थिति असम में है जहां गेट्स-1 सर्वे के मुताबिक तम्बाकू की खपत 39.3 प्रतिशत थी, जो कि बढकर गेट्स-2 में 48.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, त्रिपुरा में गेट्स-1 में 55.9 प्रतिशत से बढकर गेट्स-2 में 64.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सरीन ने बताया कि बाइक रैली, वर्कशॉप के माध्यम से डॉक्टरों, मंत्रियों, नेताओं और अन्य लोगों ने विभिन्न तरह से लोगों को कैंसर और तम्बाकू के दुष्प्रभाव से अवगत कराया है, जो कि लोगों को तंबाकू छोडने और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

इस बाइक रैली में राष्ट्रीय सेवा योजना (उत्तर पूर्व क्षेत्र), रोटरी जिला 3240, संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) गुरुग्राम, डॉक्टर्स फॉर यू, नेइग्राहिम्स (शिलांग), शिलांग वाणिज्य कॉलेज, मानभा फाउंडेशन, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बैपटिस्ट क्रिश्चियन अस्पताल (तेजपुर), अरुणाचल स्टेट हॉस्पिटल, असम मेडिकल कॉलेज, नागा हॉस्पिटल, रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिस (इम्फाल), मिजोरम कैंसर इंस्टीट्यूट, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज का सहयोग मिल रहा है।

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