इन्दौर (विनोद वैष्णव) : स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (SIHM), इन्दौर ने अपने परिसर में भारतीय मिठाइयों पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को दिवाली के त्योहार के अवसर पर घर पर स्वास्थ्यवर्धक और शुद्ध मिठाइयां बनाने की कला सिखाना था।
SIHM इन्दौर के प्राचार्य डॉ. वी. के. सिंह ने बताया कि त्योहारों के समय भारतीय मिठाइयों की मांग सबसे अधिक होती है। विशेष रूप से, जब शहर के कई बड़े मिठाई विक्रेताओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कच्चे माल की गुणवत्ता को लेकर स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं उठाई जाती हैं, तब लोग पूजा और मेहमानों को परोसने के लिए घर में बनी मिठाइयों को प्राथमिकता देते हैं। ये घर में बनी मिठाइयां मिलावट और कृत्रिम तत्वों से मुक्त होती हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। कई लोग इस अवसर पर घर में बनी मिठाइयां ऑर्डर पर बेचने का कार्य भी शुरू करते हैं, जिससे त्योहारों के समय इसकी मांग को पूरा किया जा सके और इसे एक स्टार्टअप के रूप में भी अपनाया जा सके ।
इस कार्यशाला में लगभग 20 प्रकार की भारतीय मिठाइयों की विधियां प्रदर्शित की गई, जो दिवाली और अन्य त्योहारों पर विशेष रूप से पसंद की जाती हैं। कार्यशाला में एक विशेषज्ञ शेफ द्वारा छेना आधारित रसगुल्ला, चमचम्, रसमलाई, राजभोग; ताजे मावे से बनी मावा बर्फी, मावा बाटी, सर्दियों की खास लहसुन की खीर, मूंग हलवा, घेवर, मालपुआ, बूंदी और मक्खन बड़ा जैसी मिठाइयों को बनाना सिखाया गया।
SIHM इन्दौर के सभी छात्रों और संकाय ने इस कार्यशाला में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला के समापन पर डॉ. सिंह ने भारतीय संस्कृति और धरोहर की रक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी को स्वस्थ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल दिवाली मनाने का संदेश दिया। साथ ही उन्होंने माँ लक्ष्मी की कृपा की कामना की।