एआई से 21वीं सदी में अवसर व चुनौतियों पर शताब्दी महाविद्यालय में एक्सटेंशन लेक्चर

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में बीसीए विभाग ने ‘एआई-पॉवरड़ 21सेंचुरी इंटेलिजेंस स्पेस : अपोर्चुनिटीज़ एंड चैलेंजेज’ विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एमडीयू, रोहतक में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. नसीब सिंह गिल रहे। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. गिल ने डॉ. मीनाक्षी हुड्डा, तनु क्वात्रा, राजविंदर कौर और डॉ. निशा अग्निहोत्री सहित कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसरों द्वारा लिखित पुस्तक ‘डिजिटल लॉजिक डिज़ाइन’ का भी विमोचन किया।

कार्यवाहक प्रिंसिपल, डॉ. अर्चना भाटिया ने लेखकों को बधाई दी और आज की कंप्यूटर-संचालित शिक्षा में एआई पढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को एआई के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है, लेकिन इसका उपयोग तकनीक पर पूरी तरह निर्भर होने के बजाय एक सहायक उपकरण के रूप में किया जाना चाहिए।

डॉ. नसीब सिंह गिल ने 21वीं सदी के बुद्धिमान परिदृश्य को आकार देने में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा की, उद्योगों में क्रांति लाने, दक्षता बढ़ाने और नवाचार के लिए नए रास्ते बनाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। हालांकि, उन्होंने डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताओं, नैतिक दुविधाओं और मजबूत नियमों की आवश्यकता सहित महत्वपूर्ण चुनौतियों को भी संबोधित किया। व्याख्यान ने एआई के लाभों का दोहन करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया। सत्र का समापन इस चर्चा के साथ हुआ कि भविष्य में एआई कैसे स्मार्ट और अधिक परस्पर जुड़े समाजों के विकास में योगदान देगा।

कार्यक्रम का संचालन बीसीए विभाग की प्रमुख डॉ. मीनाक्षी हुड्डा और डीन दिनेश कुमार ने किया। कार्यक्रम का आयोजन तनु क्वात्रा, कुमुद शर्मा और जाकिर हुसैन ने किया, जिसमें उत्तम पांडे ने मंच संचालन किया। बीसीए और बीएससी (कंप्यूटर साइंस) कार्यक्रमों के लगभग 600 छात्रों ने व्याख्यान में भाग लिया। अन्य उपस्थित लोगों में डॉ. अंजू गुप्ता, डॉ. जितेंद्र ढुल, डॉ. अर्चना सिंघल, डॉ. नरेंद्र दुग्गल और कई संकाय सदस्य शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *