फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : सूरजकुंड मेले में लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है, और हर कोई मेले की रंगीन छटा में डूबा नजर आ रहा है। हस्तशिल्प स्टॉलों पर अनोखी कारीगरी देखने को मिल रही है, तो वहीं अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने में लोग खूब आनंद ले रहे हैं। देश-विदेश के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक नृत्य और संगीत पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई झूलों, खरीदारी, लाइव परफॉर्मेंस और मनोरंजन के अन्य साधनों का भरपूर लुत्फ उठा रहा है।
मेले में देश-विदेश की सांस्कृतिक झलक एक ही मंच पर देखने को मिली, जिससे अनेकता में एकता का संदेश स्पष्ट रूप से उभरकर आया। मेले में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। बिम्सटेक संगठन के सदस्य देश—बांग्लादेश, नेपाल और अफ्रीकी देशों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मनमोहक नृत्य, संगीतमय प्रस्तुति और वाद्ययंत्रों के माध्यम से अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत का शानदार प्रदर्शन किया।
सूरजकुंड शिल्प मेले में झारखंड पर्यटन विभाग का पवेलियन दर्शकों के लिए खास आकर्षण बना हुआ है। पर्यटन विभाग सीमा ने बताया कि झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बेहद खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया है। खासतौर पर सोहराई पेंटिंग, जो प्राकृतिक रंगों से बनाई जाती है, पर्यटकों को खूब पसंद आ रही है। यह पारंपरिक कला झारखंड की अनूठी पहचान को दर्शाती है और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाती है।

पर्यटन विभाग की प्रतिनिधि सीमा के अनुसार, इस पवेलियन का मुख्य उद्देश्य लोगों को झारखंड की कला और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि वे राज्य के पर्यटन स्थलों में रुचि लें और वहां घूमने के लिए प्रेरित हों। यह पहल न केवल झारखंड के पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि लोककलाओं को भी नई पहचान दिला रही है।