फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) : जिस उम्र में बच्चा सही तरीके से बोल और चल भी नहीं पाता है, उसमें ग्रीन वैली में रहने वाली नव्या सूद ने अपनी शतरंज प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। महज ढाई साल की नव्या सूद ने हाल ही संपन्न हुई जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता अंडर-7 आयुवर्ग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धि पर शतरंज एसोसिएशन भी स्तब्ध है। इस जीत के साथ ही नव्या ने 11 मई से पंचकूला में होने वाली राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में अपना स्थान पक्का कर लिया है।
प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली खिलाड़ी नव्या से चार साल बड़ी है। नव्या के पिता संजय सूद का इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का व्यवसाय है और फुर्सत के क्षणों में अपनी पत्नी नीतू सूद के साथ शतरंज खेलना पसंद करते हैं। वह साथ में बैठकर खेल को देखती रहती थी। इस दौरान वह कई बार हाथ मारकर बिसातों को फैला दिया करती थी, लेकिन समय बीतने के साथ वह गंभीर होने लगी और शतरंज की चालों को समझने लगी। इस दौरान उनके माता-पिता को अहसास हुआ कि नव्या का जन्म शतरंज खेलने के लिए हुआ है। परिजनों ने बताया कि बड़ी बेटी संजना 10वीं कक्षा में है और उसे गणित विषय पढ़ाने के लिए अध्यापक घर आते हैं। पढ़ाई के दौरान नव्या भी संजना के पास पहुंचकर डिस्टर्ब किया करती थी, जब उसे कमरे से बाहर लेकर आते थे, तो वह रोती थी। एक दिन नव्या ने बहुत ही मासूमियत से तोतली भाषा में बहन संजना की तरह घर पर टीचर लगाने की जिद पकड़ ली। बेटी की जिद को पूरी करने के लिए संजय सूद ने शतरंज कोच डीएस सूरी के पास उसकी ट्रे¨नग शुरू करा दी। उसे ट्रे¨नग लेते हुए अभी चार महीने ही हुए हैं।