श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय कार्य समूह और आईआईएलएम संस्थान, दिल्ली के सहयोग से 1 अक्टूबर को “शिक्षा केमाध्यम से अधिकतम रोजगार की दिशा में एक पहल ” पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

( विनोद वैष्णव )| श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय कार्य समूह और आईआईएलएम संस्थान, दिल्ली के सहयोग से 1 अक्टूबर को “शिक्षा केमाध्यम से अधिकतम रोजगार की दिशा में एक पहल ” पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया है।कार्यशाला का उद्धघाटन करते हुए  माननीय केंद्रीय मंत्री एमएचआरडी श्री प्रकाश जावड़ेकरने कहा कि विश्वविद्यालयों / शिक्षा प्रतिष्ठानों में समय-समय पर परिवर्तन और उद्योग और अनुसंधान के साथ निकट समन्वय के साथ पाठ्यचर्या संशोधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उद्योग और अनुसंधान केंद्र एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं और व्यावसायिक कार्यक्रम की जरूरतों के अनुसार अभ्यास के लिए अनुसंधान केंद्र प्रयोगशालाओं का उपयोग करते हैं। उन्होंने 2020 तक बीए प्रोफेशनल और बीएससी पेशेवर कार्यक्रम शुरू करने के विचार के बारे में भी बात की जो कि सामान्य की बजाय नौकरी उन्मुख होगी।

 केंद्रीय मंत्री की का स्वागत करते हुए   राज नेहरू ने कार्यशाला पर रौशनी डालते हुए कहा कि तकनीकी व्यवधान और नवाचारों नेअर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है जिसके परिणामस्वरूप रोजगार उत्पादन और संसाधनों की उपलब्धता पर असर हुआ है। जहाँ एकतरफ भारत की युवा शक्ति अंततर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी ताकत बन कर उभर सकती है वहीँ दूसरी तरफ इनके लिए समर्थ संसाधनों कीव्यव्श्था एक विचारणीय विषय है हम भारतीय इतिहास पर नज़र डालें तो पातें हैं किप्राचीन  भारत में अभाव कि कभी कोई स्थिति नई रहीऔर यह विभिन्न क्षेत्रों के साथ साथ कौशल शिक्षा का भी मूल था अगर हमे भारत को फिर विश्व गुरु बनाने के सपने को साकार करना है तोहमे आधुनिकता के साथ साथ अपने मूल्यों को भी मजबूत बनाना होगा

लिंग परिदृश्य, प्रौद्योगिकी, नवाचार तथा तीव्र तकनिकी विकास के एक बड़े पैमाने पे रोजगार जगत का स्वरूप बदलना तय है  क्या हमअपने युवाओं  को समकालीन  मांग  के अनुसार  लिए कौशल प्रशिक्षित करने के लिए तैयार हैं? यह सुनिश्चित करने के लिए हमारी कौशलरणनीति क्या होनी चाहिए कि हमारे युवाओं के पास भविष्य की अर्थव्यवस्था में आवश्यक कौशल कौन से  हैं? इस प्रकार के सभी सवालों केजवाब हमे समय पर तलाश क्र उन्हें क्रियन्वित करना होगा इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी भागीदारों के साथ मिलकर एक सार्थक समाधानखोजना है

डॉ अनिरुद्ध देशपांडे ने इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि शिक्षा केन्द्रो को और उद्योगों को एक साथ मिल कर नवभारत निर्माण करना होगा

संजीव भिक्चंदानी, एमडी नौकरी.कॉम, ने उभरते परिदृश्य में रोजगार के अवसरों, चुनौतियों, आर्थिक विकास पर प्रकाश डाला

सुश्री पद्मजा रुपरल, अध्यक्ष -इंडियन एंजेल नेटवर्क ने अपने व्यक्तवय में रोजगार पाने ही नई अपितु रोजगार देने वाला बने इस पर प्रकाशडाला उन्होंने कहा कि भारत में नौकरी निर्माण और रोजगार में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका भूमिका। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया,डिजिटल इंडिया, मुद्रा बैंकिंग इत्यादि जैसी पहल सभी एक अरब से ज्यादा लोगों को अवसर प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं । नासकॉम केमुताबिक, भारत का वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप बेस है और 2020 तक 10,000 से अधिक नए स्टार्टअप होने का अनुमान है।स्टार्टअप को किस प्रकार एक मजबूत सरचना के रूप में विकसित किया जा सकता है | डॉ0 भगवती प्रकाश संयोजक, रोज़गार पर राष्ट्रीय कार्य समूह ने साझा किया कि यह कार्यशाला अकादमिक, उद्योग और नीतिगत विशेषज्ञोंकी   एक आकाशगंगा है और इसका उद्देश्य  कुछ तार्किक और व्यावहारिक समाधानों पर पहुंचना है ।

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