दिवाली के त्यौहार पर सोंधी- सोंधी महक ( मिटाई )की आ जाती है बाहर- हितेश लाम्बा

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) :दिवाली के त्यौहार में की प्रसिद्ध मिठाई रसगुल्ला की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। दिवाली के त्यौहार का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। दिवाली के पर्व को शुरू होते ही लोग भी काजू बर्फी , डोडा बर्फी , रसगुल्ले , गुलाब जामुन , मिल्क केक , सोन पपड़ी आदि मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर खोवा की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हैं। दिवाली के त्यौहार का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं मिठाइयों का भी स्वाद लेते हैं। दिवाली के पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। दिवाली के त्यौहार पर लोग अपने सगे संबधियों व् लडकियों को एक दूसरे को मिठाई खिलाकर एवं एक दूसरे को देकर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को भाईदूज के अवसर देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी दिवाली के त्यौहार की रौनक लौट आती है। बाजार मिठाई की दुकाने सज जाते हैं। लोग सहज ही इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

अनुपम स्वीट्स ग्रीनफ़ील्ड कॉलोनी फरीदाबाद हितेश लाम्बा  ने बताया कि क्यों दिवाली के त्यौहार के अवसर पर मिटाई दी जाती हे |

मिठाई के प्रकार
काजू बर्फी , डोडा बर्फी , रसगुल्ले , गुलाब जामुन , मिल्क केक , सोन पपड़ी ।

मिठाई की दिवाली में विक्री
5, 6 कॉन्टल की बिक्री।

मिठाई में कोई मिलावट होती हे इसलिए उसे चेक कर के ले
अनुपम स्वीट्स ग्रीन फील्ड के मालिक हितेश लाम्बा का कहना है कि मिठाई में कई दूकानदार मिलावट करते हे इसलिए अगर मिठाई में खट्टापन हो बिलकुल भी ने ले | मिठाई में दूध ,मेदा ,घी, चीनी ये इस्तेमाल की जाती है तो सभी के रेट एक जैसे होते है.

मिठाई खराब होने का समय
हलवाई का कहना है कि खोया वाला मिठाई 2 दिन बाद खराब हो जाती है वो खट्टा पड़ जाता है लेकिन प्लेन मिठाई 7,8 दिन में खराब हो सकती है।

त्योहारों पर मिठाई की डिमांड ज्यादा होने पर
हितेश लाम्बा का कहना है कि सभी हलवाई समय रहते हुए ज्यादा एवं अनुभवी कारीगर रखते हे ताकि गुणवत्ता के साथ साथ डिमांड एवं सप्लाई पूरी कर । और जो छोटी-छोटी दुकाने है वो हम जैसे बड़ी दुकानों से खरीद लेते है।

घेवर का रेट
काजू बर्फी– 250-350
प्लेन दूध – 200
डोडा बर्फी – 400 /-
रसगुल्ले 300 /-
गुलाब जामुन 300 /-
मिल्क केक- 400 /-
सोन पपड़ी- 400 /-
कैंसर – 400
मिलाई – 320
शुद्ध घी – 400-450

क्यों अनुपम स्वीट्स का नाम हे ?

सफाई व शुद्धता हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी। चूंकि फरीदाबाद शहर के आस-पास ग्रामीण एरिया है, ऐसे में दिवाली के अवसर पर मिठाई की जमकर बिक्री होती है।
संचालक ( हितेश लाम्बा )
अनुपम स्वीट्स
ग्रीनफ़ील्ड कॉलोनी फरीदाबाद

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