फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )| एम वी एन विश्वविद्यालय के तत्वाधान में फार्मेसी विद्यालय के छात्र व छात्राओं ने “जायका-ए-फार्मेसी रिर्टन” प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय प्रांगण में किया गया।इस अवसर पर कुलपति प्रो (डॉ) जे वी देसाई ने बताया कि आरोग्यता ही पहली प्रत्यक्ष शक्ति है। एक अस्वस्थ रोगी व्यक्ति का शरीर व मन आदि अस्त व्यस्त हो जाता है और वह कोई कार्य करने और उस कार्य को सफल बनाने की स्थिति में नहीं रहता। इसके लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद के खजाने से असरदार होम रेमेडीज निकाली थी, जो हमारे किचन में ही मौजूद होती हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के हमें हर रोग से निजात दिलाती हैं।फार्मेसी संकाय की संकायाध्यक्ष डॉ ज्योति गुप्ता जी ने बताया कि हमारी भारतीय परंपरा में बताया गया है कि प्रत्येक मसाले, जिन्हें पहले औषधि कहा जाता था, कि अपनी-अपनी एक औषध मूल्य होता है और उनको उचित अनुपात व मात्रा में प्रयोग किया जाए तो व्यक्ति निरोगी रहने में सफल हो सकता है। संयोजक मोहित मंगला ने बताया कि फार्मेसी डिप्लोमा प्रथम वर्ष के 60 छात्र/छात्राएं ने 10 टीमों के रूप में 30 प्रकार के भारतीय व्यंजनों को भेषज विज्ञान के अनुसार बनाकर विश्वविद्यालय के सभी अध्यापक, कर्मचारी गणों,अन्य संकाय व विभागों के छात्र/छात्राओं के सम्मुख रखा।
इस अवसर पर प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण पैपर लड्डू, मून मिल्क, शाहीकेला जीरा , एक्सपेट्रो हलवा, वक् स्वीट, होनीगर, अजवाइन रोवियो, तुलसी हनी पूडा, जिंजर चौपाटी, जीरा क्रिस स्फेयर, लिलीचा, पायरस मिक्सर, प्रोटीन बी शेक, एल कैफे आदि रहे।विभागाध्यक्ष तरुण विरमानी ने बताया कि भागदौड़ वाली जिंदगी में व्यक्ति आवश्यकता से अधिक खा लेता है जिससे उसके आमाशय में निकलने वाला पाचक रस उसे पचा नहीं पाता और वह खाना विष बन जाता है। अतः व्यक्ति को आधा पेट आहार, चौथाई पानी व चौथाई हवा के नियम के अनुसार भोजन करना चाहिए और भोजन को चबा चबा कर खाना चाहिए।इस अवसर पर कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने फार्मेसी संकाय की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर करने से हम सभी को अद्यतन जानकारी होती है। इस अवसर पर डॉ राहुल वार्ष्णेय, डॉ विनीत सिन्हा, डॉ सचिन गुप्ता, मुकेश सैनी, मोहित संधुजा, रेशु विरमानी, चरण सिंह, विकास जोगपाल, शादाब आलम, कीर्ति शर्मा, माधुरी ग्रोवर, गिरीश मित्तल, सतवीर सौरौत व त्रिलोक शर्मा सहित सभी कर्मचारी गणों ने छात्र/छात्राओं को हौसला व सहयोग प्रदान किया।