मेड ईज़ी स्कूल शिक्षा के साथ संस्कार भी छात्रों को देता हे :- विनय प्रताप

गुरुग्राम(विनोद वैष्णव )| मेड ईज़ी स्कूल, गुरुग्राम ने पहले स्थापना दिवस का दोहरा जश़्न मनाया। 17 दिसंबर को विद्यार्थियों ने अपनी प्रदर्शनी ‘कलाइडोस्कोप’ का आयोजन किया जिसका उद्घाटन गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह (भा.प्र.से.) ने किया। विद्यार्थियों के संग इस अवसर पर स्टाफ के सभी सदस्य और मेड ईज़ी ग्रुप के सीएमडी बी सिंह ने अतिथि का गर्मजोशी से स्वागत् किया।यह जीवन के चार मुख्य बुनियादों पर केंद्रित प्रदर्शनी थी: स्वास्थ्य – स्वस्थ रहने के लिए सही आहार लेना; कला – पूरे देश की विभिन्न कलाओं से प्रेम; स्थायित्व – पृथ्वी के संरक्षण पर जोर देना और समुदाय के जन-जन से जुड़ना – जिसके तहत ‘केरल की बाढ़’ और थाइलैंड गुफा’ की त्रासदी ने प्रदर्शनी में उपस्थित सभी लोगों को द्रवित कर दिया। आयोजन के अतिथि कचरे से बनीं चीज़ों की शानदार प्रदर्शनी देख चकित थे। उन्होंने भागीदार विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और लगन की तारीफ की। विदा लेने से पहले उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित किया और उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में लीडर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह जोर देते हुए कहा कि बहुत कम उम्र के बच्चे भी बड़े बदलाव की पहल कर सकते हैं।
विद्यार्थी भी कम उम्र में माननीय अतिथि की बड़ी उपलब्धियों से प्रभावित थे और उनके अनुसरण की इच्छा व्यक्त की।स्कूल एक ऐसी जगह है जो बचपन के सभी मनोभावों से जीवंत रहता है जैसे खुल कर हंसना, स्वाभिमान, झुंझलाहट, यादें और एक दूसरे से दोस्ती। इस जगह का महत्व बढ़ जाता है जब यह बच्चों के लिए आगामी जीवन में सफलता के आवश्यक गुणों का विकास करती है। इन गुणों में सबसे महत्वपूर्ण ‘प्रवाह की क्षमता’ है। विद्यार्थियों के वार्षिक दिवस ‘प्रवाह’ ने यही संदेश दिया। यह आयोजन 18 दिसंबर को किया गया।इसका उद्घाटन रंगन दत्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। दत्ता मेघालय के पूर्व राजस्व आयुक्त एवं वित्त विभाग में वित्त सचिव रहे हैं। उनके साथ जाने-माने क्रिकेटर, कलाकार और निर्देशक अभिनव चतुर्वेदी भी मौजूद थे।स्कूल की प्रमुख नीतू चानन ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आज की तिथि तक स्कूल की सभी बड़ी उपलब्धियों के बारे में बताया। विभिन्न क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया।सबसे पहले नर्सरी और केजी के विद्यार्थियों ने कैटरपिलर की कोशिशों और चुनौतियों को दिखाया जिसके बाद वे आखिर में अपने कुकून से तितली बन कर बाहर निकलती हैं। शरीर में बदलाव का यह कठिन दौर दिखाना विद्यार्थियों के माता-पिता के लिए यह संदेश देना था कि वे बच्चों को खुद विकसित होने का अवसर दें और उन्हें झकझोर कर उनके कुकून से बाहर निकालने का प्रयास नहीं करें!आयोजन का केंद्र बिन्दु ‘सप्त मातिृका’ था। इस नाटक में मां के 7 रूपों को दिखाया गया जो इस प्रकार हैं – गर्भधारिणी, वसंुधरा, शत्रुमाता, गौमाता, धात्रिका, गुरुमाता और दुर्गा। एम्फीथिएटर में महाभारत, माता प्रकृति, पन्ना बाई और जीजाबाई के बलिदान, कृष्ण के लिए यशोदा के निःस्वार्थ प्रेम की गुंज सुनाई दी। नाटक प्रत्येक और हर एक मां, जिनसे हमारा वज़ूद है उनके असीम साहस को सलाम करने के साथ सम्पन्न हुआ। बच्चों ने अपनी निर्दोष अभिव्यक्तियों से सभी दर्शकों को भावुक कर दिया।तालियों की गड़गड़ाहट के बीच विद्यार्थियों ने नतमस्तक हो कर दर्शकों से विदा ली और समारोह सम्पन्न हुआ!
गुरुग्राम (एनसीआर) सेक्टर 58 एवं 59 के निकट बांधवाड़ी स्थित मेड ईज़ी स्कूल एक प्रगतिशील के-12 स्कूल है। स्कूल का 25 एकड़ का विशाल कैम्पस है और यह शहर की भीड़ और प्रदूषण से दूर है। स्कूल में सोच-समझ कर विकसित की गई अन्य सुविधाएं हैं जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं। पहले साल की उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रिया देखते हुए मेड ईज़ी स्कूल ने सुशांत लोक।।। में दूसरा स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है जो शिक्षा जगत में एक अन्य उच्च मानक होगा।

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