फरीदाबाद(विनोद वैष्णव)| फरीदाबाद आई एम टी इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हरियाणवी युवाओं को 75% आरक्षण देने के मुद्दे पर केन्द्रीय मंत्री किशन पाल गुर्जर एवं प्रिथला विधायक एवं एच एस डबल्यू सी के चेयरमैन नयनपाल रावत को ज्ञापन सौंपा । इस विषय पर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वीरभान शर्मा ने कहा कि हम सभी लोग अपने राज्य का विकास चाहते हैं तथा जहाँ तक हो सकता है अपने लोकल कर्मचारियो को रखते है ।लेकिन अगर इस तरह का कानून बनता है तो इन्डस्ट्रीज को बहुत दिक्कतें आ सकती हैं।दो साल से ईंडस्ट्रीज में लिए मंदी चल रहीं थी ऊपर से कोरोना महामारी ने घेर लिया। अभी ईंडस्ट्रीज ढंग से दोबारा चल भी नहीं पाई की इस तरह के कानून कीं बात चल रही है।इससे राज्य में नए उद्योग आने से पहले सोचेंगे तथा चल रहे उद्योगो को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।हमारा राज्य कुछ स्टेट्स की बजाए समपन् है तथा हर काम के लिए एम्पलाईज मिलना मुश्किल होता है।खासकर ढलाई, कास्टिंग, डाईंग इत्यादि में हमारे यहाँ के लोग काम करने में कम इच्छुक होते हैं ।सरकार इसमें तिमाही रिटर्न, सक्षम एम्पलाई ना मिलने पर बडे अधिकारीयों से परमीशन, तथा गल्ति पाए जाने पर पांच हज़ार से पांच लाख तक की पेनाल्टी एवं देरी होने पर रोजाना के दंड जैसे कडे प्रावधान रखने पर विचार कर रही है । हमारी सरकार से गुजारिश है कि इस तरह का कोई भी सख्त कानून लाने से पहले ओद्योगिक सगठनों से सलाह मशविरा जरूर करें ताकि इसका दुरुपयोग ना हो सके।इस तरह के कानून से इंपैक्टर राज को बढावा ही नहीं मिलेगा बल्कि अन्य दूरूपयोग भी होंगे। साथ इस तरह की कंडीशन्स को देखकर नये उद्योग आने से पहले सोचेगे ।तथा जो लोग हरियाणा में ईन्डस्ट्री लगाने का मन बना चुके हैं वे भी पुनर्विचार करेंगे ।हमारे यहां स्किल्ड मैनपावर की कमी के कारण उद्योगों की प्रोडक्टीविटी बेहद प्रभावित होगी ।सरकार को चाहिए कि हर इन्डस्ट्रीयल सैक्टर मे एक एक स्किल डवलपमेंट सेंटर खोले जिससे राज्य के ज्यादा से ज्यादा स्किल्ड कर्मचारी तैयार हो सकें।

सरकार इन्ही इंडस्ट्रीज पर सख्त कानून लगाने की बजाए ज्यादा से ज्यादा नई इंडस्ट्रीज लगाने का माहौल तैयार करे, ज्यादा इंडस्ट्रीज होगी तो हमारे यहाँ के लोगों को उनकी पसंद का रोजगार भी मिल जाएगा तथा अन्य काम हमेशा की तरह हमारे देश के दूसरे राज्यों के कर्मचारी भी रोजगार पाते रहेंगे एवं बेरोजगारी अपने आप समाप्त हो जाएगी ।सरकार इसे कानून का रूप ना दे कर मोटीवेशनल प्रोग्राम चलाए, जैसे हरियाणा के नागरिकों को नोकरी पर रखने वाले उद्योगों को इन्डस्ट्री साईड के ई पी एफ का भुगतान अथवा 10 प्रतिशत का इन्सैंटिव इत्यादि।