जानिए क्या है कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय ( चिड़ियाघर ) का इतिहास और जानिए इंदौर चिड़ियाघर में कौनसे तीन रंगो के जानवर देखने को मिलेंगे

Posted by: | Posted on: August 11, 2021

फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) :- कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय, इंदौर में स्थित एक प्राणी उद्यान है और यह पूरी तरह से इंदौर नगर पालिका निगम के स्वामित्व वाली है। यह मध्यप्रदेश राज का सबसे बड़ा प्राणी उद्यान मन गया है और साथ ही एक सबसे पुराना प्राणी उद्यानों में भी है। इंदौर चिड़ियाघर नवलखा 4000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

यह इंदौर का सबसे बड़ा व सबसे पुराना चिड़ियाघर है। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय 1974 में शुरू हुआ था। यह संग्रहालय पहले 17 एकड़ में फैला था, लेकिन 1999 में सभी इधर उधर के कैदी बाग की 34 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया। जिसके बाद इसका क्षेत्रफल बढ़कर 51 एकड़ हो गया है।

यह देश के 192 मान्यता प्राप्त चिड़िय़ाघरों में शामिल है। चिड़ियाघर मे दुनिया के विभिन्न भागों से विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को लाया गया है। चिड़ियाघर के प्रयास करने के लिए नस्ल सफेद बाघ, रॉयल बंगाल टाइगर, हिमालयन भालू और सफेद मोर सफल किया गया है। इंदौर चिड़ियाघर प्रजनन, संरक्षण और प्रदर्शनी के जानवरों, पौधों और उनके निवास के लिये एक केन्द्र भी है।

सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के हिसाब से जू की चार कैटेगरी मिनी, स्मॉल, मीडियम और लार्ज होती हैं। इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय स्मॉल कैटेगरी में आता है। इस कैटेगरी के 34 चिड़िय़ाघरों की शीर्ष दस की सूची में इंदौर दसवें नंबर पर है। इस संग्रहालय में व्हाइट टाइगर, रॉयल बंगाल टाइगर, हिमालयन भालू और सफेद मोर सहित दुनिया में सभी भागों में पाए जाने वाले 60 प्रजातियों के 600 जानवर और पक्षी हैं। यहां सेंट्रल जू अथॉरिटी के पहले चरण के मास्टर प्लान के हिसाब से व्हाइट टाइगर, लॉयन, हाथी आदि के पिंजरे बने हुए हैं।

इंदौर जू में तीन रंगो के टाइगर देखने को मिलेंगे जिसमे यलो, व्हाइट और ब्लैक रंग के टाइगर शामिल है। एनीमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ओडिशा के नंदन कानन वन से व्हाइट औऱ ब्लैक टाइगर इंदौर लाए गए हैं। इसमें से व्हाइट टाइग्रैस को खुले बाड़े में छोड़ दिया गया है। यलो टाइगर पहले से ही चिड़ियाघर में मौजूद है। अभी कुछ दिनों के बाद ब्लैक टाइगर को भी खुले बाड़े में छोड़ दिया जाएगा। इसी के साथ यह प्रदेश का पहला ऐसा जू बन चूका है। जिसमें ब्लैक, व्हाइट और यलो तीनों रंगो के टाइगर मौजूद हैं।

52 एकड़ के क्षेत्र में फैले इंदौर जू में 72 प्रजातियों के 635 जानवर हैं। लॉक डाउन से पहले यहा पर्यटको की काफी भीड़ देखी जाती थी। हालाकि वैसे आम दिनों में यहां की औसतन चार हजार पर्यटक प्रतिदिन होते थे। लेकिन कोरोना के चलते अभी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है लेकिन जैसे जैसे कोरोना का खतरा टलता जाएगा,पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लग जाएगी।

नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।





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