हरियणा सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं :-डॉ० राकेश गुप्ता

चंडीगढ़, 7 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता ने कहा कि हरियणा सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत सक्षम हरियाणा अभियान चलाया जा रहा है। 
वे आज प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों से विडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से शिक्षा विभाग के सक्षम हरियाणा कार्यक्रम की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लर्निंग एनहांसमैंट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। प्रदेश भर में 120 वट्सअप गु्रप भी बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से अध्यापकों को बेहत्तर शिक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जिन ब्लाकों का रिजल्ट 80 प्रतिशत रहेगा उन्हें सक्षम ब्लाक में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत अब तक पहले चरण में प्रदेश के नौ ब्लाकों को शामिल किया गया है तथा दूसरे चरण में प्रदेश के 24 ब्लाक शामिल हुए हैं।
डॉ० राकेश गुप्ता ने कहा कि जिला उपायुक्त व एसडीएम प्रत्येक माह की 10 से 20 तारीख के बीच शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर योजना पर चल रहे काम की समीक्षा करें। इसी प्रकार, जिला शिक्षा अधिकारी भी समय-समय पर बैठक लेकर योजना के तहत चल रही प्रतिक्रियों की समीक्षा करें ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई से संबंधित बाधाओं को दूर किया जा सके और प्रदेश सरकार के सक्षम हरियाणा के सपने को साकार किया जा सके। इसके अलावा स्कूलों में होने वाली मॉर्निंग प्रेयर के दौरान बच्चों को किसी न किसी पाठ्यक्रम विषय के बारे में पढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी 12 फरवरी तक सभी अतिरिक्त उपायुक्त एवं उपमंडलाधीशों द्वारा विद्यालयों की प्रस्तावित निगरानी विजिट करें तथा सभी प्रस्तावित मैंटरिंग विजिट भी पूर्ण की जाएं। 
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले सभी बच्चों को अपनी कक्षा के स्तर के हिसाब से सक्षम बनाने के लिए कृत संकल्प हैं। 
डॉ० राकेश गुप्ता ने कहा कि शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी एवं अध्यापक यह सुनिश्चित करें कि आंतरिक मूल्यांकन के दौरान नकल पर पूर्ण अंकुश लगाया जाए। वास्तविक मूल्यांकन से ही बच्चों के शिक्षण स्तर का पता चल पाएगा, जिसके आधार पर ही उनके शिक्षण स्तर में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों को भी नकल न करने के अभियान के तहत मूल्यांकन के दौरान नकल न करने तथा नकल न करने देने की शपथ दिलाई जा रही है। 
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र के दौरान विद्यार्थियों को सत्र शुरू होने तक पुस्तकें उपलब्ध करवा दी जाएंगी। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि 31 मार्च, 2018 तक सभी विद्यालयों में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पुस्तकें पहुंच जाएं। इसके लिए सभी अधिकारी 15 फरवरी तक पूरे आंकड़े उपलब्ध करवाएं क्योंकि इन्हीं आंकड़ों के आधार पर पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि सभी मुख्याध्यापकों, प्राचार्यों एवं अध्यापक एवं अध्यापिकाओं को जागरूक करने सही सक्षम हरियाणा के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। 
क्रमांक-2018
 
चंडीगढ़, 7 फरवरी- हरियाणा में कलाकारों को सम्मान व पहचान देने व राज्य की कला एवं संस्कृति के पुनरूत्थान के उद्देश्य से सरकार ने गायन, वादन, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, रंगमंच, फोटोग्राफी, कार्टून कल्प, रेखाचित्र इत्यादि से सम्बन्धित सभी विधाओं में निपुण कलाकार, चाहें वह एकल हो या समूह जैसी लोक कलाओं के कलाकारों को हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के साथ स्वयं का पंजीकरण करवाने के लिए कहा है। 
कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्रीमती धीरा खण्डेलवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी तथा प्रफोर्मा प्राप्त करने के लिए ई-मेल artandculturalaffairshry@gmail.com पर या दूरभाष0172-5059158, 5059156, 5059155 अथवा सीधे कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा एस.सी.ओ. 29, द्वितीय तल, सेक्टर-7 सी, मध्यमार्ग चण्डीगढ़ में सम्पर्क कर सकते है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 मार्च, 2018 है। 
क्रमांक-2018
चंडीगढ़, 7 फरवरी- हरियाणा नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विभाग द्वारा बैटरी सहित एलईडी सोलर स्ट्रीट लाईट लगवाने के लिए सभी गैर वाणिज्य संस्थानों, पंचायतों, जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर परिषद और नगरपालिकाओं को विशेष अनुदान दिया जा रहा हैं। 
एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एक एलईडी सोलर सोलर स्ट्रीट की कीमत लगभग 15 हजार रुपए है तथा इस पर हरियाणा सरकार द्वारा 4000 रूपए व भारत सरकार द्वारा 4500 रुपए का विशेष अनुदान गैर वाणिज्य संस्थानों/पंचायतों/जिला परिषद/पंचायत समिति/नगर परिषद/नगरपालिकाओं को देने का निर्णय लिया गया है।
        उन्होंने बताया कि पहले जो सोलर स्ट्रीट लाइट उपलब्ध करवाई जा रही थी, उसमें बैटरी चोरी का खतरा रहता था। अब विभाग द्धारा लिथियम बैटरी की जो सोलर स्ट्रीट लाईट उपलब्ध करवाई जा रही है, इसमें लिथियम बैटरी सोलर पैनल के अन्दर ही स्थापित रहती है। जिसमें बैटरी चोरी का खतरा नही रहता व यह लिथियम बैटरी रख -रखाव रहित हैं। यह बैटरी लगभग 4-5 वर्ष तक कार्य रहती है। इन सोलर स्ट्रीट लाइटों को शाम के समय जलाने की व सुबह के समय बंद करने की आवश्यकता नहीं होती हैं क्योंकि ये शाम के समय स्वंय ही जलने लगती है व सुबह के समय स्वंय बंद हो जाती हैं। 
उन्होंने बताया कि एक एलईडी सोलर, सोलर स्ट्रीट लाइट सिस्टम के लिए 6500 रूपए जमा करवाने होगें। जो भी गैर वाणिज्य संस्थानों/पंचायतों/जिला परिषद/पंचायत समिति/नगर परिषद/नगरपालिकाएं एलईडी सोलर स्ट्रीट लाइट लिथियम बैटरी सहित लगवाना चाहती हैं वे सम्बन्धित उपायुक्त एवं मुख्य परियोजना अधिकारी को उक्त राशि जमा करवा सकते है। 
क्रमांक-2018       
 
चंडीगढ़, 7 फरवरी- हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई सूक्ष्म सिंचाई योजना के पायलट प्रोजेक्ट के अभूतपूर्व सकारात्मक परिणाम आने शुरू हो गए हैं। धान की फसल के लिए किए गए एक प्रयोग में जहां सूक्ष्म सिंचाई करने से 42.3 प्रतिशत पानी की बचत हुई वहीं पैदावार में भी 11.65 प्रतिशत का फायदा हुआ है।
कृषि विभाग के एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत हरियाणा के नहरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (काडा) द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योजना का पायलट प्रोजेक्ट 13 जिलों के 14 गांवों में स्थापित किया जा रहा है जिस पर कुल 24.65 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इससे करीब 2000 हैक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य है। इन 14 गांवों की 14 परियोजनाओं में से 8 परियोजनाओं पर कार्य पूरा हो चुका है व शेष योजनाओं को भी मई 2018 से पहले-पहले पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई योजना में सूक्ष्म सिंचाई  के लिए किसानों को नहरी पानी प्रैशर के रूप में प्रदान किया जाएगा। यह देश की अपनी किस्म की पहली योजना है जिसमें सौर ऊर्जा और ग्रिड के माध्यम से ऊर्जा का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने बताया कि बिजली की  निर्बाध आपूर्ति देने के लिए ये परियोजनाएं होटलाइन के द्वारा नजदीकी 11 के.वी लाइन से विद्युतीय ग्रिड सैंटर से जुड़ी रहेंगी। 
प्रवक्ता के अनुसार कुरूक्षेत्र जिला के संघौला माइनर पर इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए तीन एकड़ जमीन में धान की रोपाई की गई जिसमें एक एकड़ में फल्ड सिंचाई तथा 2 एकड़ में सूक्ष्म सिंचाई विधि द्वारा सिंचाई की गई। किसानों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। बाद में इसका अध्ययन काडा विभाग,किसानों एवं सूक्ष्म सिंचाई फसल विशेषज्ञों द्वारा किया गया जिसमें पाया गया कि सूक्ष्म सिंचाई करने से 42.3 प्रतिशत पानी की बचत हुई और पैदावार में भी 11.65 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।  हरियाणा सरकार ने इस योजना की सफलता से उत्साहित होकर अब सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र को आगे बढ़ाते हुए कुल 10 लाख एकड़ नहरी क्षेत्र को अगले 4 वर्षों में यह सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार के इस सराहनीय फैसले से जहां किसानों की लागत में कमी आएगी वहीं पैदावार भी बढ़ेगी।
क्रमांक-2018
 
चण्डीगढ़, 7 फरवरी – हज कमेटी इंडिया, मुम्बई ने हज-2018 के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु इच्छुक व्यक्तियों से 15 फरवरी,2018 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं।
हरियाणा राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष श्री औरंगजेब ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए हज कमेटी इंडिया द्वारा मुम्बई स्थित हज हाउस में यह प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इसके लिए राज्य हज कमेटी के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों से आवेदन मांगे गए हैं जिन्होंने हज किया हो, अंग्रेजी, उर्दू व हिन्दी भाषाओं का ज्ञान हो। आवेदक की आयु 50 वर्ष से अधिक न हो, उसे हज के अरकानात की अच्छी जानकारी  हो और कम्प्यूटर इत्यादि का भी ज्ञान हो। 
उन्होंने बताया कि ऐसे मुस्लिम व्यक्ति हज कमेटी इंडिया की वैबसाइट www.hajcommittee.gov.in पर 15 फरवरी,2018 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अपने आवेदन की प्रति निर्धारित दस्तावेजों के साथ 21 फरवरी, 2018 को हरियाणा सिविल सचिवालय, चण्डीगढ़ स्थित कार्यकारी अधिकारी, हरियाणा राज्य हज कमेटी के कार्यालय में भिजवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए जाने वाले व्यक्तियों के ठहरने व खाने-पीने का प्रबंध तथा मुम्बई आने-जाने का खर्चा भी हज कमेटी इंडिया मुम्बई द्वारा किया जाएगा।  
क्रमांक – 2018
 
चंडीगढ़, 7 फरवरी- वर्तमान गन्ना पिराई मौसम के दौरान हरियाणा की सहकारी चीनी मिलों ने अब तक 210.05 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 19.93 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।
        हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि शाहबाद सहकारी चीनी मिल ने सर्वाधिक 37.36 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 3.73 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है, जबकि रोहतक सहकारी चीनी मिल ने 31.79 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 2.93 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। सहकारी चीनी मिल, कैथल ने 21.02 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 2.00 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है, सहकारी चीनी मिल, महम ने 20.91 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.95 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है तथा सहकारी चीनी मिल, करनाल ने 19.45 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.90 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।
इसी प्रकार, सहकारी चीनी मिल, गोहाना ने 19.72 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.77 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। सहकारी चीनी मिल, जींद ने 15.32 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.42 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। सहकारी चीनी मिल, पानीपत ने 14.91 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.41 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। सहकारी चीनी मिल, सोनीपत ने 15.19 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.46 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। सहकारी चीनी मिल, पलवल ने 14.38 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.31 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।
        उन्होंने बताया कि हैफेड चीनी मिल, असंध ने 18.77 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 1.70 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों में अब तक की औसत शुगर रिकवरी 9.73 प्रतिशत रही है।
 
चण्डीगढ़, 7 फरवरी- चरखी दादरी की मंडी हरियाणा प्रदेश की उन चार चुनिंदा मंडियों में शामिल हो गई है, जिन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है। सरकार की योजना के अनुसार इन सभी मंडियों में राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नेम) प्रणाली को परिपूर्ण किया जायेगा। 
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने आज चरखी दादरी की अनाज मंडी के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी। 
उन्होंने बताया कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने प्रदेश की चार मंडियों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना है, जिनमें चरखी दादरी, करनाल, सोनीपत और सफीदों की मंडियां भी शामिल हैं। अब सरकार की योजना के अनुसार चरखी दादरी की मंडी में ई-नेम प्रणाली को परिपूर्ण किया जायेगा। वहां पर ई-प्रणाली के लिए फसल खरीद से संबंधित सभी आधुनिक उपकरण जल्द ही उपलब्ध करवाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि दादरी मंडी से जुडऩे वाले सभी किसानों को विभाग की ओर से पहचान पत्र उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
मंडी के व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं पर श्री लिखी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडी की सभी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। मंडी में किसी बैंक की शाखा खुलवाने के लिए भी प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों व लोगों से मिलने वाले फीडबैक से ही समस्याओं का समाधान होता है।
इस अवसर पर दादरी के उपायुक्त श्री विजय कुमार सिदप्पा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को दादरी मंडी में फसल का वजन करने से लेकर लैब टेस्ट, बोली व पेमेंट गेट-वे तक की सारी प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे हरियाणा में मार्केट फीस के रूप में सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व दादरी की मंडी से प्राप्त होता है। इस मंडी में कुल 186 वेंडर हैं और सभी पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि दादरी की मंडी के साथ जिला के 23,000 किसान भी जुड़े हुए हैं। 

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