फरीदाबाद। 11 मई। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी एनसीआर की जानी मानी तकनीकी शिक्षण संस्था लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटी द्वारा आज 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिसे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को यादों के रूप में मनाया जाता है। स्कूल ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा इस सेमिनार को आयोजित किया गया। इस आयोजन में खासतौर पर प्रो. (डॉ.) मनसफ आलम कंप्यूटर विज्ञान विभाग, प्राकृतिक विज्ञान संकाय, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मंच का संचालन एचओडी कोऑडिनेटर डॉ. श्रृतु सचदेवा ने किया।
इस दौरान टेक्निकल क्विज कंपटीशन भी आयोजित किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस कंपटीशन में 8 टीमें बनाई गई। जिसमें टीम 2 विजेता रही। वही उपविजेता टीम 1 रही। जिन्हें डॉ. आलम द्वारा पुरस्कृत किया गय़ा। इतना ही नहीं सेमिनार में उपस्थित सभी को डॉ. मनसफ आलम द्वारा “ BIG DATA, IOT AND AI APPLICATIONS IN REAL LIFE” पर लेक्चर सुनने का मौका मिला। बता दें कि डॉ. आलम ‘जर्नल ऑफ एप्लाइड इंफोर्मेशन साइंस’ के प्रधान संपादक है। उन्होंने IEEE, Springer, Elsevier Science और ACM द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में रिसर्च आर्टीकल्स प्रकाशित किए है। उनके शोध के क्षेत्र में बिग डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग एंड डीप लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, क्लाउड डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (CDBMS), ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस सिस्टम (OODBMS), जेनेटिक प्रोग्रामिंग, बायोइनफॉरमैटिक्स, इमेज प्रोसेसिंग, इंफॉर्मेशन रिट्रीवल और डेटा माइनिंग शामिल हैं। वह विभिन्न पत्रिकाओं के समीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इस अवसर पर लिंगयाज ग्रुप के चेयरमैन डॉ. पिचेश्वर गड्डे व वाइस चांसलर प्रो. (डॉ) जी.जी. शास्त्री मौजूद रहे। डॉ. पिचेश्वर ने कहा कि तकनीकी संस्थान होने के कारण आज का दिन लिंग्याज के लिए विशेष महत्व रखता है जो हमारे आने वाली पीढ़ियों को सदैव बताता रहेगा कि हम विज्ञान के क्षेत्र में कितने प्रगतिशील हैं। वही वाइस चांसलर डॉ. शास्त्री ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लिंग्याज नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। उन्होंने सेमिनार के आयोजकों की तारीफ करते हुए आशा व्यक्त की कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से छात्र-छात्राओं को नई जानकारियां मिलती हैं। अंत में विभाग की एसोसियेट प्रोंफेसर डॉ. तापसी नागपाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि 11 मई 1998 को भारत द्वारा सफल परमाणु परीक्षण किए जाने की खुशी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इस दिन राजस्थान के पोखरण में कुल 5 परीक्षण हुए थे। इसी दिन आयोजित परीक्षण में 5.3 रिक्टर पैमाने पर भूकंपीय कंपन दर्ज करते हुए तीन परमाणु बम विस्फोट किए गए, तभी से भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरुआत हुई।