धूल के कारण आंंखों में एलर्जी और आई फ्लू

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : धूल और बढ़ती गर्मी के कारण आंखों में एलर्जी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टरों ने इस मौसम में आंखों का विशेष ख्याल रखने पर जोर दिया है। मेट्रो अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय पाठक ने बताया कि गर्मी का मौसम कई प्रकार की बीमारियां साथ लेकर आता है, यह जानकारी हम पहले भी देते रहे हैं। इन्हीं में कंजक्टिवाइटिस (आई-फ्लू) और एलर्जी भी शामिल है।

नतीजा,आखों का विशेष ख्याल रखना बहुत जरूरी है। इस मौसम में लू और धूल के कारण आंखों संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आंखों में जलन, दर्द होना, खुजली, लालिमा और आंखों में दर्द मुख्य समस्या है। वायरस और बैक्टिरिया के कारण कंजक्टिवाइटिस होने से आंखें लाल हो जाती हैं। गंदी उंगलियां आंखों से लगाने, धूल-धुएं का प्रतिकूल असर, पसीना से यह बीमारी ज्यादा होती है। वायरस मक्खियों व हवा के माध्यम से आंखों तक पहुंचता है। ऐसे मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं जिनकी आंखें लाल हैं। कई मरीजों ने कंजेक्टिवाइटिस होने की आशंका जताई है। आंखों में जलन, चुभन या ऐसा महसूस होने की शिकायत की, जैसे आंखों में धूल आदि चली गई हो। कुछ ने आंखों में चुभन की समस्या बताई। रात में सोने के बाद सुबह सुबह उठने पर अचानक आंखों में लाली, सूजन और दर्द महसूस होने लगा। इन मरीजों की जांच करने पर आंखों की एलर्जी होने का पता चला। आंखों में धूल जाने पर तेजी से एलर्जी होती है। धूप और तापमान बढ़ने से आंखें लाल हो जाती हैं। आंखों से पानी आने लगता है। ऐसा महसूस होता है जैसे आंखों में कुछ पड़ गया हो। आंखें ज्यादा रगड़ने पर इनके चारों तरफ कालापन आ जाता है। एंटी एलर्जी आई ड्राप इसका इलाज है। लेकिन एलर्जी बहुत बढ़ने पर कार्टिको स्टेरॉयड देना पड़ता है। मरीज को मेडिकल स्टोर या झोलाछाप के कहने पर कोई भी आई ड्राप आंखों में नहीं डालना चाहिए। क्योंकि बाजार में बिक रहे आईड्राप में से तमाम में स्टेरॉयड होते हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह पर ही इलाज करना चाहिए।

अपनी मर्जी से ड्राप न डालें :
आमतौर पर आंखों में एलर्जी या लालिमा आने पर मरीज मेडिकल स्टोर पर जाता है और कोई भी ड्राप खरीदकर ले आता है। ऐसे ड्राप का लगातार इस्तेमाल करने से आंखों की दिक्कत बढ़ सकती है। बेहतर होगा कि नेत्र सर्जन के परामर्श से ही ड्राप आंखों में डालें। धूप में जरूरत होने पर ही जाएं। धूप में निकलने से पहले काला चश्मा लगाएं। एलर्जी हो जाए तो डॉक्टर से परामर्श ले। एलर्जी होने पर साफ-ठंडे पानी में भीगी रुई से आंखें साफ करें। आंखें ठीक नहीं होने तक चश्मा पहनें। पीड़ित का तौलिया, रूमाल व चश्मा इस्तेमाल न करें। धूप से बचाव के लिए टोपी पहनें। आंखों के लिए यह भी करें। धूप-धूल से बचाव के लिए अच्छी क्वालिटी का चश्मा पहनें। पढाई के दौरान कमरे में पर्याप्त रोशनी रहे। हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध और विटामिन ए से भरपूर भोजन लें।

लक्षण दिखने पर हो जाए सतर्क :
आमतौर पर कंजक्टिवाइटिस के लक्षण अंखों में दर्द व लालिमा, तेज धूप व रोशनी में देखने पर तकलीफ, आंखों में गंदगी का जमा होना, सोने पर पलकें आपस में चिपकना है। संक्रमण इतना तीव्र होता है कि आंखों में देखने से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है।आंखों संबंधी बीमारियां ऐसी हैं कि कार्निया क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है।

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