फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | लिंग्याज विद्यापीठ में स्कूल आफ एजुकेशन, विभाग द्वारा 23 फरवरी, 2019 को डिजिटल लर्निंग “स्मार्ट पीढ़ी के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण” पर एक दिवसीय राष्ट्रीय डिजिटल कार्यशाला का आयोजन डा0 मानस रंजन पाणिग्रही, प्रोग्राम आॅफिसर, एजुकेशन काॅमनवेल्थ एजुकेशन मीडिया सेंटर फाॅर एशिया (सीईएमसीए) काॅमनवेल्थ आफलर्निंग (सीओएल) द्वारा किया गया। आमंत्रित मुख्य वक्ता ने डिजिटल लर्निंग“स्मार्ट पीढ़ी के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण” विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार प्रकट किये।
राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन माननीय कुलपति, डा0डी.एन. राव व एसोसिएट डीन, डा0 शगुफ्ता जाबिन, द्वारा कियागया।इस आयोजन की शुरूआत स्वागत संबोधन और माँ सरस्वती वन्दना द्वारा की गयी।राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के, डीन, एचओडी, और संकाय सदस्यों सहित शिक्षा के क्षेत्र में 40 प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर लिंग्याज विद्यापीठ के कुलपति, डा0डी.एन. राव ने अपने भाषाण में वहां उपस्थित सभी विभिन्न संस्थानों के, डीन, एचओडी, और संकाय सदस्यों का धन्यवाद व्यक्त किया। आईसीटी और नए युग की तकनीकों का उपयोग करके शिक्षार्थी को सुविधा प्रदान की जा सकती है और ये पहल राज्य में सक्षम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दे सकती हैं। राज्य में कठिन भौगोलिक स्थिति और शैक्षिक और अवसंरचनात्मक संसाधनों की कमी है। डॉ। मानस रंजन पाणिग्रही ने कहा कि CEMCA एक गैर.क्रेडिट लॉन्च किया उच्च शिक्षा के सभी शिक्षकों के लिए ” औइआर आधारित डिजिटल.लर्निंग पर कार्यक्रम, राज्य, खुले विश्वविद्यालयों या किसी भी शिक्षार्थी जो ओईआर में रुचि रखते हैंए किसी भी सार्वभौमिक के संकाय सदस्यों के लिए। पाठ्यक्रम को सभी शिक्षार्थियों को मूडल प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन प्रदान किया जाएगा। उद्देश्य विश्वविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम डिजाइन करने में ओईआर को बढ़ावा देना और ओईआर के डिजाइन और विकास के लिए उच्च शिक्षा के संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। पाठ्यक्रम सभी शिक्षार्थियों के लिए निरू शुल्क पेश किया जाएगा। हालांकिए पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद प्रमाणपत्र के लिए सीखने वाले शिक्षार्थियों को नाममात्र भुगतान पर ऑनलाइन परीक्षा के लिए नामांकन का अवसर प्रदान किया जाएगा। सफल उम्मीदवार को पाठ्यक्रम पूरा होने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्या वक्ता डा0 मानस रंजन पाणिग्रहीे ने वहां उपस्थित सभी लोगों को ओई आर और रचनात्मक ऑनलाइन लाइसेंस के बारे में बताया और छात्रों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा सीखने के साथ आमने-सामने की चुनौतियों का सामना करने पर भी विचार कियो। उन्होने एमओओसीएस, स्वयं और स्वयंप्रभा के संरचनात्मक और कार्यात्मक विवरण पर प्रतिभागियों को संबोधित किया और एक आॅनलाइन पाठ्यक्रम में शिक्षार्थी को संलग्न करने की प्रक्रिया में प्रतिभागियों को प्रबुद्ध किया गया था।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला को कंप्यूटर लैब में दो तकनीकी सत्रों द्वारा समर्थित किया गया था, जिसमें सभी प्रतिभागियो को डिजिटल लर्निंग व ओवरसीज और ओपन एजुकेशनलरिसोर्स (ओईआर) में अनुभव के माध्यम से डिजिटल कौशल प्रदान किया।
कार्यक्रम के अन्त में डाॅ0 सुषमा रानी, विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ एजुकेशन, ने इस डिजिटल लर्निंग“स्मार्टपीढ़ी के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण” सराहना की तथा डा0 मानस रंजन पाणिग्रहीे का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान स्कूल ऑफ एजुकेशन के विभिन्न फैक्ल्टी मेम्बरस-मि. श्वाती नैथानी, मि. उपासना चैधरी, मि. अन्नु राठी, मि. महिमा व मि. पी.लावण्या भी उपस्थित थे।