जिन हाथों ने पकड़े थे कभी हथियार, उन हाथों ने थामें है अब औजार ’’
इन पक्तियों को साबित कर रही है 36 वें सुरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय का्रफट मेला में हरियाणा कारागार विभाग की तरफ से लगाया गया स्टाल।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह चैटाला के बन्दियों के सुधार एवं पुर्नवास कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये मोहम्मद अकिल महानिदेशक कारागार, हरियाणा के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में हरियाणा की जेलों में बंद बन्दियों के सुधार एवं पुर्नवास हेतु अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं ताकि बंदी अपराध का रास्ता छोड़कर कौशल विकास करके एवं हुनरबंद होकर जेल से बाहर जा सके तथा अपने हुनर के अनुसार अपना खुद का व्यवसाय आरम्भ करके इज्जत के साथ अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें तथा समाज में पुनः एक अच्छे नागरिक के रूप में स्थापित हो सके।
अन्तर्राष्ट्रीय सुरजकुण्ड क्राफट मेले में जेल की स्टाल आंगतुकों के लिये विशेष आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। जेल के बन्दियों द्वारा निर्मित लगभग 110 तरह का फर्नीचर व घरेलू सामान प्रदर्शनी में बेचने हेतु रखा गया है। इस स्टाल में 30 रूपये से लेकर 1 लाख तक कीमत का सामान रखा गया है। सुरजकुण्ड मेले में जेल के स्टाल को देखने के लिये न केवल अनेक उच्च अधिकारी एवं माननीय पजंाब एवं हरियाणा के जस्टिस साहब पहूंच रहे हैं बल्कि प्रतिदिन हजारों दर्शक बन्दियों के द्वारा निर्मित फर्नीचर का सामान , आर्युवेद उत्पाद, खिलौनें, सजावटी सामान, लकड़ी की दिवार घड़ी, लकड़ी का शीशा फ्रेम, बच्चों की पढ़ने की टैबल, शीशम की लकड़ी का सोफा सेट, शीशम की जड़ से बनी टेबल, पेंटिंग झूला, अलग-अलग तरह की कुर्सी, कपड़ा, के साथ-साथ जेल के बन्दियों द्वारा निर्मित मिठाईयों की खरीददारी कर रहे हैं। जंहा दर्शक बन्दियों के द्वारा बनाये गये उत्पाद को देखकर हैरान है कि कभी आंतक से समाज में दशहत फैलाने वाले तथा हथियार उठाने वाले हाथो में कैसे जेल के अधिकारियों ने प्रशिक्षण देकर औजार पकड़ायें हैं तथा निपुण कारिगर बनाया होगा। इन उत्पादों की कम कीमत होने पर उन्हें हैरानी होती है कि इतने उच्च गुणवत्ता की विभिन्न वस्तुयें बहुत ही वाजिब दाम पर बेची जा रही है।
हरियाणा कारागार विभाग की तरफ से इन उत्पादों को मेले में ले जाकर प्रदर्शित करने एवं उन्हें बेचने का जिम्माजयकिशन छिल्लर,अधीक्षक जेल फरीदाबाद को दिया गया है। उन्होनें बतलाया कि हरियाणा की लगभग 16 जेलों से बन्दियों के द्वारा निर्मित लगभग 110 उत्पाद मेले में प्रदर्शित किये गए हैं जिनकी सराहना करते हुये विजिटर रजिस्टर में लिखे गए अपने विचारों से समझा जा सकता है कि यहि सच्चा सुधार है तथा उनके द्वारा दी गई शाबाशी एवं बधाई से जेल अधिकारी पूरे जोश के साथ कार्य कर रहे हैं तथा उनके उत्पाद तैयार करके मेले में भेज रहे हैं। इस बार सुरजकुण्ड मेले में बन्दियों द्वारा निर्मित लकड़ी की दिवार घड़ी, लकड़ी का शीशा फ्रेम, बच्चों की पढ़ने की टैबल, शीशम की लकड़ी का सोफा सेट, शीशम की जड़ से बनी टेबल, झूला, अलग-अलग तरह की कुर्सी, पेंटिंग, कपड़ा, व मिठाई आदि रखी गई है। हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों को ट्रेनिंग देकर व उन्हें काम सिखाकर हरियाणा जेल विभाग बहुत ही सुधारात्मक कार्य कर रहा है। कैदी जेल से काम सिखकर सजा समाप्ती पर वापिस जाकर अपना व्यवसाय कर सकते है, व वापिस समाज मंे जाकर अपनी पहचान बना सकते है तथा अपने परिवार का पालन पोषण कर सकते है।