MRIIRS ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा दिया: कंप्यूटेशन, कम्युनिकेशन और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति

MRIIRS ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा दिया: कंप्यूटेशन, कम्युनिकेशन और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) | मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS), जो NAAC A++ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है, ने कंप्यूटेशन, कम्युनिकेशन और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति (ICAICCIT – 2024) पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह सम्मेलन कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित किया गया। इसका नेतृत्व डॉ. तपस कुमार (एसोसिएट डीन और विभागाध्यक्ष, CSE स्पेशलाइजेशन) ने किया और इसे डॉ. पूनम तनवर (प्रोफेसर, CSE स्पेशलाइजेशन) ने संचालित किया।

दो दिवसीय इस सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, साइबरसिक्योरिटी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों ने ज्ञान का आदान-प्रदान किया और समाधान प्रस्तुत किए।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रेरणा गौर (निदेशक, NSUT मेन कैंपस, वेस्ट कैंपस; चेयर इलेक्ट्र IEEE इंडिया काउंसिल 2023; चेयर IEEE PES-IAS दिल्ली चैप्टर 2023; पूर्व चेयर, IEEE दिल्ली सेक्शन) और विशिष्ट अतिथि डॉ. श्रीराम बिरुदावोलु (सीईओ, साइबरसिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, नासकॉम, हैदराबाद) एवं प्रोफेसर बृज भूषण गुप्ता (प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस और इंफॉर्मेशन इंजीनियरिंग विभाग, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान) उपस्थित रहे।

सम्मेलन की महत्ता पर जोर देते हुए MRIIRS के वाइस चांसलर, डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा, “यह सम्मेलन वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जिससे शोधकर्ता और वैज्ञानिक उभरती तकनीकी चुनौतियों का प्रभावी समाधान खोज सकते हैं।”

कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण MRIIRS और अंतर्राष्ट्रीय सेंटर फॉर एआई एंड साइबरसिक्योरिटी रिसर्च एंड इनोवेशन (ताइवान) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर रहा। यह समझौता भविष्य में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देगा। 1,130 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 452 को स्वीकृति मिली और 286 प्रस्तुत किए गए। इनका प्रकाशन IEEE Xplore में किया जाएगा, जो इन्हें वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय तक पहुंचाने में मदद करेगा।

साइबरसिक्योरिटी की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए MRIIRS के प्रो वाइस-चांसलर, डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा, “जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, डिजिटल इकोसिस्टम की सुरक्षा पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। यह सम्मेलन इन चुनौतियों के समाधान के लिए नवीन रणनीतियों पर चर्चा का अवसर प्रदान करता है।”

इस कार्यक्रम में वैश्विक भागीदारी देखने को मिली, जिसमें प्रमुख वक्ता शामिल थे, जैसे डॉ. यूसुफ कावक्जेह (एसोसिएट प्रोफेसर, फुजैरा यूनिवर्सिटी, यूएई), श्री गोलोक कुमार सिमली (प्रिंसिपल एडवाइजर और मुख्य तकनीकी अधिकारी, पीएसडी डिवीजन, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार), प्रोफेसर जोएल रोड्रिग्स (प्रोफेसर और कोऑर्डिनेटर, सेनाक फैकल्टी ऑफ सेरा, ब्राजील; AAIA और सीनियर IEEE फेलो), डॉ. साई कुमार पोप्पुरी (एआई एडवाइजर, नेलंबियम कैपिटल, न्यूयॉर्क, यूएसए) और डॉ. ए मुरली एम राव (निदेशक, कंप्यूटर डिवीजन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली)।

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