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महाबीर सत्संग सभा द्वारा गठित सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि.) का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव सतयुग दर्शन वसुन्धरा के प्रांगण में सम्पन्न

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : महाबीर सत्संग सभा द्वारा गठित सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि.)का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव आज सतयुग दर्शन वसुन्धरा के प्रांगण में सम्पन्न हुआ। लगातार चार दिन तक चले भजनकीर्तनयज्ञ तथा वचनों की अमृत वर्षा ने हज़ारों श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया और उनके मन में श्रेष्ठ मानव बनने की उत्कंठा जगा दी।

डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में NCC के छात्रों को तैयारी करवाते हुए एनसीसी के सीनियर कैडेट मयंक वैष्णव

इस समारोह में ट्रस्ट से जुड़े देश-विदेश के विभिन्न प्रांतों से आए हज़ारों श्रद्धालु सम्मिलित थेजिनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था वसुन्धरा परिसर में ही नि:शुल्क की गयी थी। इस यज्ञ महोत्सव के समापन पर सैकड़ो असहाय जनों के सहायतार्थ वस्त्रराशन और नगद राशि इत्यादि वितरित की गई। ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमती रेशमा गाँधी ने बताया कि इस वर्ष रामनवमी यज्ञ-उत्सव अत्यन्त प्रेममय वातावरण में भली-भांति सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष देश-विदेशों के अतिरिक्त आसपास के क्षेत्रों से भी बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

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सतयुग दर्शन में राम नवमी यज्ञ महोत्सव (चौथा दिन) बड़ी धूम धाम से मनाया गया

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | रामनवमी की पवित्र बेला पर आज सतयुग दर्शन वसुंधरा के प्रांगण में हवन आयोजन के उपरांत कई नवजात शिशुओं ने चोले डलवाए, उनका नामकरण हुआ व मुण्डन संस्कार सम्पन्न हुआ। आज सफ़ेद पोशाक व गुलानारी दुपट्‌टा धारे श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ थी। आज यहाँ अनमोल मानव जीवन के परमपद को समयानुसार प्राप्त कर लेने की महत्ता पर बल देते हुए श्री सजन जी ने कहा ब्रह्म पद सर्वोच्च पद है। इस पद की प्राप्ति प्रत्येक मानव जीवन का सर्वप्रथम व अंतिम लक्ष्य है। अत: निष्काम भाव से इस पद की प्राप्ति हेतु, अविचार छोड़, विचारयुक्त सवलडा रास्ता अपनाओ यानि ब्रह्म विचार पकड़ो और सर्व सर्व्‌ उस ब्रह्म के व्याप्त होने का सत्य दिल से स्वीकारो। जानो इस वृत्ति में ढलना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ कह रहा है:-

ब्रह्म नाम ब्रह्म ध्यान है बेटा, हां हां हां ब्रह्म वचन करो प्रवान बेटा

ब्रह्म विचार नूं फड़न सजन, फिर ब्रह्म है बड़ा महान बेटा

अर्थात्‌ ध्याने योग्य ब्रह्म ही सत्‌ नाम है। ब्रह्म ही आत्मबोध कराने वाला शब्द है तथा ब्रह्म ही ध्यान यानि मानस अनुभूति या प्रत्यक्ष है। अत: एकाग्रचित्त होकर ध्याने योग्य इस सत्‌ नाम/शब्द ब्रह्म से उद्धृत व हृदय विहित्‌ ब्रह्म वाणी प्रवान करो यानि मनन एवं चिंतन द्वारा अमल में लाओ और ए विध्‌ ब्रह्म विचारों को पकड़ कर यानि अपने स्वभाव या वृत्ति के अंतर्गत करके सर्व महान ब्रह्म पद को प्राप्त करो। जानो ऐसा करने से मन को अपार आत्मसंतोष प्राप्त होगा, चित्त शांत होगा, वृत्ति-स्मृति, बुद्धि व भाव-स्वभाव निर्मल होंगे तथा निर्गुण आत्मतत्व यानि दिव्य ज्ञान रूप आद्‌ ज्योति का अपने मन मन्दिर में साक्षात्कार होगा। ऐसा होने पर शास्त्र अनुसार फिर क्या करना है, वह ध्यान से सुनो:-

जेहड़ा है मन मन्दिर प्रकाश, हर अन्दर है उसे दा निवास, उसे दा दर्शन कीजियो बेटा

अर्थात्‌ जो आत्मप्रकाश हमने अपने मन-मन्दिर में देखा है, हर किसी में उसी के व्याप्त होने का आभास करते हुए, जनचर, बनचर, जड़-चेतन में अपने असलियत प्रकाश को देखना है और सतर्क रहना है कि सब कार्यव्यवहार करते हुए हमारा ख़्याल उसी प्रकाश में ठहरा रहे। ऐसा करने से मुस्कराहट आयेगी, बदन प्रफुल्लित होगा, हृदय खिड़ेगा और मुख चमकेगा। इस तरह सजनों जब अन्दर-बाहर दोनो वृतियों में, आत्मप्रकाश पर परिपक्वता से खड़े हो समवृत्ति हो जाओगे तो उस प्रकाश में अपने असलियत ब्रह्म स्वरूप यानि ‘आत्मा में जो है परमात्मा‘ उस नित्य समरूप परब्रह्म परमेश्वर का बोध होगा और ज्ञात होगा कि यह जगत और कुछ नहीं अपितु एक ही अगोचर नित्य चेतन स्वरूप की नाना नाम रूपों में अभिव्यक्ति है। यही यथार्थ है व इसके अतिरिक्त और जो कुछ प्रतीत हो रहा है वे सब मायावी और मिथ्या है। ऐसा होने पर सहज ही शास्त्र अनुसार कह उठोगे:-

ब्रह्म स्वरूप है अपना आप, हां-हां-हां-हां,, हम तो हैं सारा प्रकाश जग प्रकाश

ब्रह्म स्वरूप कुल इन्सान, ब्रह्म स्वरूप सारी सगली मान

इस बात को समझते हुए श्री सजन जी ने कहा कि विभिन्न रूप, रंग, रेखा से अलंकृत जो देहिक प्राणी हैं, उनकी ओर से अपनी दृष्टि (ध्यान) हटाकर जो इस देह का आधारस्वरूप परमात्मा है यानि देहेश्वर है उसके साथ अपना ध्यान/दृष्टि जोड़ो अर्थात्‌:-

‘अनडिठी चीज़ को देखो‘

शरीरधारियों की ओर से दृष्टि हटाओ,

महाराज जी (ईश्वर) की ओर ध्यान (दृष्टि) जोड़ो।‘

शास्त्र कहता है ऐसा करने से आँखों की सफ़ाई होगी और दृष्टि विराट्‌ रूप हो जाएगी। इस तरह दृष्टि की मैल उतरने से आँखें उजली होंगी, उजली होने पर लाईट आवेगी और आँखें चमक उठेंगी। दृष्टि चमक पड़ी तो चतुर्भुजधार का प्रकाश ही प्रकाश और वही चमत्कार सब सजनों में निगाह आवेगा। फिर जो प्रकाश हो उसे हृदय में ठहरा लेना है और इस तरह से शुद्ध रहकर उस ज्योति स्वरूप भगवान, जिसने सजनों हमारी बनत बनाई है उस भगवान के साथ भगवान होकर जीवन सफ़ल बनाना है। इस संदर्भ में शास्त्र भी कहता है:-

विराट्‌ पर जो खड़ा हो गया उसकी जीत-जीत, फ़तह फ़तह

अंत में सजन जी ने कहा कि शास्त्र अनुसार याद रखो ‘संसार में सब काम करते हुए भी जो निष्कामी बना रहता है, वही ब्रह्म कहलाता है‘। अत: निष्काम रास्ता पकड़ो और परमतत्व का ज्ञान प्राप्त कर व विचार के साथ सब में ब्रह्म ही ब्रह्म का बोध करते हुए ब्रह्म पद पाने के सच्चे अधिकारी सिद्ध होवो। उन्होंने फिर सबसे कहा कि निश्चित ही यह सब समझने के पश्चात्‌ आपके मन में भी सजनता का प्रतीक बन ब्रह्म पद प्राप्त करने की इच्छा अवश्य ही जाग्रत हुई होगी। अगर ऐसा ही है तो एक दृढ़ संकल्पी इंसान की तरह सजन भाव अर्थात्‌ ब्रह्म भाव अनुरूप अपने भाव-स्वभावों को ढ़ाल, वैश्विक स्तर पर पुन: सत्य धर्म का परचम बुलंद कर दो। जानो यही अधर्म की हार व धर्म की जीत का प्रतीक होगा।

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दैनिक जीवन में तनाव निराकरण पर शताब्दी महाविद्यालय में बहुविषयक राष्ट्रिय संगोष्ठी

फरीदाबाद (दीपक शर्मा) : हरियाणा उच्च शिक्षा महानिदेशालय के तत्वावधान में डीएवी शताब्दी महाविद्यालय द्वारा एक बहुविषयक राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया गया | संगोष्ठी का विषय ‘स्ट्रेस मैनेजमेंट: वर्क लाइफ बैलेंस एंड रोल ऑफ़ पॉजिटिव साइकोलॉजी एट वर्कप्लेस’ रहा | महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत गुप्ता ने संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, एमडीयू के पूर्व प्रोफेसर व वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. रविंदर विनायक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, नोएडा की डीन अकादमिक डॉ. नीलम सक्सेना ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की | संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए कार्यस्थल पर तनाव के दबावपूर्ण मुद्दों और सकारात्मक मनोविज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बौद्धिक रूप से समृद्ध मंच करना व तनाव को जीवन से दूर रखने के उपायों पर विचार करना रहा। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने स्वागत वक्तव्य के साथ छात्रों और युवाओं के बीच जीवन लक्ष्य के रूप में खुशी को पोषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भगवद गीता की शाश्वत शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए, उन्होंने अनावश्यक अपेक्षाओं को त्यागते हुए कर्म-उन्मुख मानसिकता विकसित करने के महत्व को रेखांकित किया |

डॉ. के.के. गुप्ता ने तनाव व मनोविज्ञान को परिलक्षित करने के लिए भारतीय दार्शनिकों के दोहों को उद्धृत किया | तनाव को जीवन से दूर रखने के लिए डॉ. गुप्ता ने पंचकोष के सिद्धांत; प्रकृति व जीवात्मा के संबंध को पहचानते हुए सच्चिदानंद परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग; दैनिक जीवन में घर व ऑफिस पर सही निर्णय लेने के लिए माइंड सेट व पॉजिटिव – नेगेटिव अलजेब्रा को समझाया | उन्होंने छात्र-शिक्षक मनोविज्ञान, शिक्षण व्यवस्था खामियों व उनके निराकरण पर भी प्रकाश डाला | छात्रों की प्रतिभा का सही नजरिये से विश्लेषण कर उनका एक कार्य टीम में संकलन पर बल दिया | डॉ. नीलम सक्सेना ने आंतरिक, बाह्य, एक्यूट, क्रोनिक स्ट्रेस को दैनिक जीवन के साथ जोड़ते हुए वर्क लाइफ बैलेंस व पॉजिटिव साइकोलॉजी पर अपने विचार रखे | उन्होंने तनाव प्रबंधन के लिए टाइम मैनेजमेंट, फिजिकल वर्कआउट, कोपिंग स्ट्रेटेजीज, रिलैक्सेशन, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स जैसे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया | प्रो. डॉ. रविंदर विनायक ने शरीर, मन व आत्मा के मध्य प्रबंधन के जरिये स्ट्रेस को दूर रखने के बारे में समझाया | दैनिक जीवन में समय के साथ परिवर्तित होते हुए व्यक्तिगत व व्यावसायिक पर्यावरण में बदलती हुई उम्मीदें जो भौतिकता से जुडी हुई हैं, उनको तनाव का मुख्य कारण बताया |

समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. सुजाता खंडाई, निदेशक, एमिटी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड फाइनेंस ने सचेत जीवन, अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और खुशी और उत्पादकता के बीच सीधे सकारात्मक संबंध के महत्व पर जोर दिया। पैनलिस्ट डॉ. विनीत बंगा निदेशक और प्रमुख, न्यूरोलॉजी और न्यूरोवैस्कुलर इंटरवेंशन, डॉ. रीमा देहल, दौलत राम कॉलेज, डीयू, और डॉ. पारुल खन्ना, वाइस-प्रिंसिपल, आईएमटी, फरीदाबाद और डॉ. भावेश प्रकाश जोशी, निदेशक और एचओडी विभाग, यूजी मैनेजमेंट स्टडीज, एमआरआईआईआरएस द्वारा तनाव पर मनोविज्ञान व शोध से जुड़े प्रश्नों का जवाब उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष दिया गया | संगोष्ठी संयोजिका डॉ. अंजू गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रतुत किया जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, प्राचार्या, साथी संयोजिका डॉ. रुचि अरोड़ा, समिति सदस्यों डॉ. अंकिता महिंद्रा, डॉ. सुमन गुप्ता, डॉ. रश्मि रतुरी, दिनेश चौधरी, गार्गी शर्मा, अमित दहिया, रचना कसाना, डॉ. सोनम अरोड़ा के साथ शिक्षकों, शोधार्थियों, व छात्रों का आभार व्यक्त किया | चार समानांतर तकनीकी सत्र के दौरान कुल 60 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सत्रों में जीवंत बौद्धिक आदान-प्रदान हुआ, जिसमें तनाव और कल्याण पर अंतःविषय दृष्टिकोण प्रदर्शित किए गए।

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फरीदाबाद के गुरुजी देवेंद्र गौड़ नरियाला की कविता पाठयक्रम में शामिल

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : राजकीय प्राथमिक पाठशाला ऊंचागांव बल्लभगढ़ में प्राथमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत देवेंद्र गौड़ द्वारा रचित कविता ‘धम चिक-चिक धम’ को हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग की तीसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक सरगम में शामिल किया गया है।
यह कविता मेले के दृश्य पर आधारित है, जिसमें बच्चों द्वारा मेले में देखी जाने वाली मनोरंजक गतिविधियाँ—झूला, कठपुतली, नृत्य आदि—जीवंत शैली में प्रस्तुत की गई हैं ताकि बच्चे स्थानीय संस्कृति से परिचित हो सकें। कविता की भाषा सरल, सरस और बालमन के अनुकूल है, जो विद्यार्थियों में रचनात्मक अभिव्यक्ति और आनंद का संचार करेगी।

यह अवसर बहुत कम शिक्षकों को मिलता है जब उनकी रचनाएँ प्रदेश भर के विद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। देवेंद्र गौड़ फरीदाबाद के नरियाला गाँव के निवासी हैं व पिछले 24 वर्षों से शिक्षा जगत में कार्यरत हैं तथा बाल साहित्य, कविता लेखन, शैक्षणिक नवाचारों, रक्तदान, पौधारोपण व अन्य सामाजिक कार्यों में निरंतर सक्रिय हैं। उनकी रचनाएँ पूर्व में भी अनेक शैक्षिक व साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं व इसी वर्ष उनकी बालगीतों पर लिखित एक पुस्तक भी प्रकाशित होने वाली है।

मृतक परिवार के इकलौते पुत्र को डराने, धमकाने के मामले में आरोपियों व लापरवाही बरतने पर एसएचओ के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई : राजेश नागर

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए देवेंद्र गौड़ ने हरियाणा शिक्षा विभाग, विशेष रूप से एससीईआरटी और टीम एल एल एफ ,पाठ्यक्रम निर्माण समिति व जिले के शिक्षा अधिकारियों का धन्यवाद प्रकट किया है। साथ ही उन्होंने इस सफलता में प्रेरक और सहयोगी भूमिका निभाने वाले साथियों अलीमुद्दीन खान, सुनील दत्त, डॉ अविनाशा, डॉ मनोज भारत, चेतना जठोल,
राजेश डागर, दलवंती सेहरावत, शक्ति शर्मा, मुकेश कुमार, नरेश जांगड़ा, जयदीप वैष्णव, रेणुका,गीता, प्रदीप,पुनीत पांचाल,राजेश व सभी अध्यापकों का भी आभार व्यक्त किया।

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आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की एक-एक बूंद बचाना जरूरी : उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ


पलवल।
 उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठï ने जिलावासियों से भू-जल स्तर में सुधार लाने और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन हेतु केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संचालित किए जा रहे ‘जल संचय जन भागीदारी’ अभियान में बढ़चढक़र भागीदारी करते हुए अभियान को सफल बनाने का आह्वïान किया। उन्होंने कहा कि हमें आने वाली पीढिय़ों के लिए जल की एक-एक बूंद बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से ं ‘जल संचय जन भागीदारी : जन जागरूकता की ओर’ थीम के साथ जल शक्ति अभियान कैच दी रेन के छठे संस्करण की शुरूआत की गई है, जिसे सफल बनाने के लिए सभी मिलकर आगे आएं। उन्होंने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, जियो-टैगिंग और सभी जल निकायों की सूची बनाना, वैज्ञानिक संरक्षण योजनाओं की तैयारी, सभी जिलों में जल शक्ति केंद्र स्थापित करना,गहन वनरोपण और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

https://youtu.be/36DDACxRpjQ
Ballabhgarh | Greenfields Public School ,Sunper की क्या विशेषताएं है जानिए


उपायुक्त ने कहा कि जल संरक्षण एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन गया है। हमें जल की एक-एक बूंद को आने वाली पीढिय़ों के लिए बचाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल संचय जन भागीदारी अभियान की शुरुआत जल संकट से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के साथ-साथ भारत सरकार ने जल शक्ति अभियान, अटल भूजल योजना सहित कई कार्यक्रम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना है। यह सामूहिक प्रयास प्रभावी भागीदारी, टिकाऊ प्रथाओं और व्यापक जागरूकता के माध्यम से भारत के लिए जल-सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। सरकार की ओर से जल संचय जन भागीदारी अभियान के तहत वर्षा जल संचयन को बढ़ाने और दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने पलवल जिला में ‘जल संचय जन भागीदारी’ अभियान का सफल क्रियान्वयन करवाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए ‘जल संचय जन भागीदारी’ अभियान की सतत मॉनिटरिंग करने की बात कही।

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म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से संपत्ति सृजन पर वैल्यू एडिड कोर्स का सफल समापन

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद के वित्तीय साक्षरता प्रकोष्ठ द्वारा डॉ अर्चना भाटिया के दिशा निर्देशन में शेयर बाजार की जानकारी को लेकर विद्यार्थियों के लिए तीस घण्टे का प्रशिक्षण प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के व्याख्याता सी ए पंकज गोयल निवेश अनुसंधान विश्लेषक रहे। यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट आयोजित किया गया। उन्होंने सितंबर 2024 से चल रहे 30 घण्टे के वैल्यू एड ओन कोर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम में म्यूच्यूअल फंड से जुड़े अहम विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए अपने पैसे का निवेश किस प्रकार करें कि वो मंहगाई के स्तर से ज्यादा कमाई कर सकें।

म्यूच्यूअल फंड, एस आई पी में निवेश किस प्रकार करना चाहिए। म्यूच्यूअल फंड में पैसा लगाने के लिए स्कीनर एप्लीकेशन तथा स्टॉक एज के माध्यम से विद्यार्थियों को सिखाया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों के डीमेट खाते खुलवाए गए। भविष्य में एक अच्छा म्यूच्यूअल फण्ड फिस्ट्रिब्यूटर बनने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) द्वारा आयोजित एक प्रमाणन परीक्षा को पास करने के लिए छात्रों की तैयारी भी करवाई गई।

महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ अर्चना भाटिया ने विद्यार्थियों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा सी ए गोयल जी के कार्य की सरहाना की। इस कार्यक्रम की कन्वीनर मैडम सुनीता डुडेजा एवम मैडम मीनाक्षी आहूजा (कोडिनेटोर) रहे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 28 विद्यार्थियों ने भाग लिया।जिनमें से 23 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए।

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डीएवी शताब्दी कॉलेज में डेंटल चेकअप कैंप

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी कॉलेज में 2 अप्रैल 2025 को डॉ. अर्चना भाटिया के मार्गदर्शन में ओपल डेंटल के सहयोग से एक निःशुल्क डेंटल चेकअप कैंप का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कैंप का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को मौलिक दंत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना था, जिससे मौखिक स्वच्छता और दंत समस्याओं के शीघ्र पहचान के महत्व पर जोर दिया जा सके।

विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम ने गहन दंत स्वास्थ्य जांच की और प्रतिभागियों को उनके मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और सुधारने के लिए मूल्यवान सुझाव और व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कीं। यह पहल बहुत सराही गई, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

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कॉलेज प्रशासन ने समन्वयकों और चिकित्सा टीम के प्रयासों की सराहना की और उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने का संकल्प लिया ताकि छात्रों और कर्मचारियों के निरंतर स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित किया जा सके।

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डीएवी शताब्दी महाविद्यालय ने लगाई हैट्रिक, जीती उड़ान फेस्ट 3.0 ओवरऑल ट्रॉफी

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय ने सरस्वती महिला महाविद्यालय, पलवल में आयोजित प्रतिष्ठित राज्य स्तरीय उड़ान फेस्ट 3.0 में तीसरी बार ओवरऑल ट्रॉफी हासिल कर जीत की हैट्रिक लगाई। महाविद्यालय के छात्रों ने 15 कार्यक्रमों में असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया और 10 प्रभावशाली पुरस्कार जीते। उनके शानदार प्रदर्शन के परिणामस्वरूप सभी विजेताओं को कुल ₹18,300 का नकद पुरस्कार मिला। इस जीत के साथ महाविद्यालय ने सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों में उसके वर्चस्व को और मजबूत किया। गीत भजन(एकल ), भाषण और अंग्रेजी वाद-विवाद पक्ष व विपक्ष दोनों ही श्रेणियों में महाविद्यालय ने चार प्रथम पुरस्कार हासिल किये |

दीवार पेंटिंग, ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग व कार्टूनिंग में तीन द्वितीय पुरुस्कारों पर कब्ज़ा जमाया | ऑनलाइन स्लोगन लेखन, हिंदी वाद-विवाद पक्ष व विपक्ष दोनों ही श्रेणियों में छात्रों ने तीसरा स्थान प्राप्त किया | कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार तीसरी जीत से सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महाविद्यालय की उत्कृष्टता साबित होती है | यह जीत छात्रों, शिक्षकों और संपूर्ण ईमा सेल समिति की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने छात्रों और समिति के सदस्यों को उनके अथक प्रयासों और उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई दी।

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डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में बी.वोक रिटेल मैनेजमेंट के छात्रों का दो दिवसीय प्रशिक्षण

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में बी.वोक रिटेल मैनेजमेंट प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय एनएसक्यूएफ लेवल-4,5,6,7 प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्रों को खुदरा उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना रहा। इंटरैक्टिव सत्रों और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से, छात्रों ने वास्तविक दुनिया के खुदरा संचालन में अंतर्दृष्टि प्रदान की। ग्राहक संबंध प्रबंधन, बिक्री रणनीति, इन्वेंट्री नियंत्रण और नेतृत्व कौशल जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. आर्चना भाटिया ने बताया कि यह प्रशिक्षण छात्रों के कौशल को उद्योग मानकों के साथ जोड़कर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनएसक्यूएफ दिशा-निर्देशों के तहत प्राप्त प्रशिक्षण उनके करियर की संभावनाओं को बढ़ावा देगा, उन्हें बिक्री सहयोगियों से लेकर प्रबंधकीय पदों तक की भूमिकाओं के लिए तैयार करेगा। विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी से आये डॉ. नीरू, डॉ. योगेश वर्मा, और डॉ. समर्थ सिंह जैसे विशेषज्ञों ने रिटेल से जुड़ी रिटेल सेल्स असोसिएट, रिटेल डिपार्टमेंटल मैनेजर, रिटेल स्टोर मैनेजर, और रिटेल टीम लीडरविभिन्न भूमिकाओं के बारे में छात्रों को बताया | बी.वोक रिटेल मैनेजमेंट की डीन डॉ. सोनिया नरुला, एचओडी रजनी टुटेजा, दीपमाला और सभी फैकल्टी, तकनीकी व नॉन-टीचिंग स्टाफ ने इस प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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डी. ए. वी.शताब्दी कॉलेज, फरीदाबाद में “वेट मैनेजमेंट सेशन ” का सफल आयोजन

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डी .ए. वी. शताब्दी कॉलेज, फरीदाबाद में वुमन सेल और बीबीए विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “वेट मैनेजमेंट सेशन” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की थीम “Balance Your Weight, Enhance Your Life” रही। सत्र की मुख्य वक्ता गायत्री सलील, एमराल्ड डायरेक्टर, Modicare थीं, जिनके साथ राधिका सिंह, डायरेक्टर, भी उपस्थित रहीं।

सत्र के दौरान बॉडी मास इंडेक्स (BMI), वेट ऑर्गन एज जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी जानकारियाँ साझा की गईं। प्रतिभागियों को योग, ध्यान और कार्यस्थल पर व्यायाम के महत्व को समझाया गया। इसके अलावा, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ प्रश्न-उत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने अपनी शंकाओं का समाधान पाया।

कार्यक्रम में लगभग 100 अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। आयोजन की देखरेख वुमन सेल प्रभारी डॉ. रुचि अरोड़ा, डीन बीबीए डॉ. निशा सिंह एवं बीबीए विभागाध्यक्ष डॉ. अंकिता मोहिंद्रा द्वारा की गई। साथ ही, स्नेहलता एवं ओमिता जौहर ने कन्वीनर की भूमिका निभाई।

कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने अपने संदेश में कहा:
“स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और वजन को संतुलित रखने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इस प्रकार के शैक्षणिक सत्र छात्रों को जागरूक करने और उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

कार्यक्रम की सफलता के लिए वुमन सेल और बीबीए विभाग की सराहना की गई। उपस्थित सदस्यों ने इसे एक सफल एवं ज्ञानवर्धक आयोजन बताया।